वैज्ञानिकों ने बनाया कृत्रिम दिमाग
आंखों से दिमाग का कनेक्शन समझाएगा मिनी ब्रेन
इस ब्रेन को जर्मनी के वैज्ञानिकों ने स्टेम सेल्स से लैब में विकसित किया कृत्रिम मानव दिमाग जिसमें आंखें भी विकसित हुई है
क्यों है यह खास
जर्मनी के वैज्ञानिकों ने एक कृत्रिम मानव दिमाग को लैब में तैयार किया ! इस दिमाग में आंखें भी हैं।
लेकिन आंखें पूरी तरह विकसित नहीं है इस मिनी दिमाग को वैज्ञानिकों ने इंसान के स्टेम कोशिकाओं से विकसित किया गया है
इसे जर्मनी के इंस्टिट्यट फाँर ह्यूमन जेनेटिक्स के शोधकर्ताओं ने बनाया है वैज्ञानिकों का कहना है कि मिनी दिमाग में आंखें ऐसे विकसित हुई है जैसे 5 सप्ताह के भूर्ण की होती है
भविष्य में ऐसी बहुत सी बातें सामने आएंगी जिससे इलाज में और आसानी होगी
क्यों खास है यह मिनी
दिमाग 3 बड़ी बातें आपको
बताते हैं
1. मिनी दिमाग 3 मी मी चोड़ा है। इसमें मौजूद आंखों में लेंस, कॉर्निया और रेटिना , इन सब की मदद से वाह रोशनी को देख पता है यह आंखें न्यूरॉन और नर्व कोशिकाओं की सहायता से कम्युनिकेट भी कर सकती है।इसके बारे में वैज्ञानिक कहते हैं की भविष्य में यह रेटीना काम आ सकेगी जो लोग देख नहीं पाते
2. जर्नल सेल स्टेम मैं पब्लिश रिसर्च कहती है। जब इन आंखों पर रोशनी डाली गई तो यह सिग्नल को दिमाग तक पहुंचा देती है जिससे यह पक्क हो जाता है जो आंखें देखती है वह दिमाग तक पहुंच जाता है यह सब पहली बार लैब में बनाए गए मिनी दिमाग मैं देखा गया है.
3. शोधकर्ता गोपाल कृष्ण कहते हैं मीनी दिमाग की मदद से यह पता चल सकेगा की भूर्ण के दौरान जन्मजात रेटीना से जुड़े डिसऑर्डर मे और रेटीना पर खास तरह की दवाइयों की टेस्टिंग करने पर आंखों और दिमाग के बिस में कैसा तालमेल रहता है
ब्लड सप्लाई नहीं होने से ज्यादा समय
तक नहीं रह सके
चेतावनी :- हमें यह सारी जानकारी दैनिक भास्कर वेबसाइट पर मिली है इसके ऊपर हमारी कोई पर्सनल राय नहीं है धन्यवाद
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